हसी के बुलबुले...

एक कॉलेज स्टूडंट लडकी, एक बार क्लासमें लेट आ गई

टिचर : तूम आज लेट क्यो हो गई?

लडकी: सर, एक लडका मेरा पिछा कर रहा था.

टिचर : पर उससे तो तुम जल्दी आना चाहिए थी, फिर लेट कैसे हो गई.

लडकी : सर वह लडका बहुत धीरे धीरे चल रहा था
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विरु छतपर खडे रहकर दारु पिकर चिल्ला रहा था.
विरु - कुत्तो कमिनो ... मै तुम्हारा खुन पी जाऊंगा...
तभी बसंती वहा आगई और उसने पुछा -
बसंती - विरु ... क्या हुवा..
विरु - बसंती ॥ देखोना ये बडे शोरुम वाले बडे कमिने और धोखेबाज निकले... मैने उनसे 2 टन का एसी खरीदा... घर आकर वजन करके देखता हूं तो सिर्फ 35 किलो का निकला...
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विनोद :- ( अपने फ्रेंड अजय से ) यार जरा तुम्हारे सुखी संसार का राज तो बताओ. जब देखो तब तुम्हारे घर से तुम्हारी और तुम्हारे बीवी की हसनेकी आवाजे आती रहती है
अजय :- अरे काहेका खाक सुखी संसार, जब देखो तब उसे गुस्सा आता है. और जब उसे गुस्सा आता है ता वह सरे बर्तन मुजे फ़ेंक के मरती है. अगर निशाना सही हुवा तो वो हंसती है और अगर निशाना गलत हुवा तो मई हँसता हूँ .
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एक बार एक सरदार का पडोसी मर गया. सरदारने उसके घर जाकर पूछा " बॉडी आ गयी क्या "
तभी अमबुलंस आ गयी
तो सरदार खुशीसे बोला - '' क्या लम्बी उम्र है... नाम लेतेही आ गया साला "
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एक टिचर क्लासमें पढा रहे थे, जब उनके खयालमें आया की राजु लगातार खिडकीके बाहर कुछ देख रहा है.
टिचर - राजु
राजु शायद बाहर देखनेमें इतना खो गया था की उसे टिचर की आवाज आई ही नही.
टिचर - (राजुकी तरफ चॉक फेंकते हूए ) राजु... बाहर क्या देख रहे हो.
राजु - ( हडबडाकर ) बंदर
टिचर - ( गुस्सेसे ) यहां मेरे होते हूए..
टिचर - ( अपनी गल्ती सुधारते हूए ) ... मतलब यहां क्लासमें मेरे होते हूए तुम्हारी बाहर देखनेकी हिम्मत कैसे हूई...
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