Girls before marriage
look like barbie Doll,
After marriage
beautiful doll
After 1yr
Nice Doll
After 2yr
only Doll
After 5yr
dhol
After 10yr
Dolly Bindra...
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Wo Bevafa hai to kya hua mat bura kaho usko,
Wo Bevafa hai to kya hua mat bura kho usko
tum kisi or ko pta lo dfa kro usko...
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सोच...
भाग्यवादी लोग,
कुछ होने का इंतज़ार करते हैं,
कर्मयोगी,
हर हाल में कुछ कर दिखातें हैं|
भाग्यवादी कहतें हैं की
समय से पहले,भाग्य से ज्यादा
कुछ नहीं मिलता,
कर्मयोगी हर युग में अपना
भविष्य खुद लिखतें हैं
*******************
कुछ होने का इंतज़ार करते हैं,
कर्मयोगी,
हर हाल में कुछ कर दिखातें हैं|
भाग्यवादी कहतें हैं की
समय से पहले,भाग्य से ज्यादा
कुछ नहीं मिलता,
कर्मयोगी हर युग में अपना
भविष्य खुद लिखतें हैं
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सच कह दूँ ऐ उपरवाले !
गर तू बुरा न माने |
तेरे मंदिर के बुत हो गये पुराने |
अपनों से बैर रखना
तुने बुतों से सीखा |
युद्ध सीखाया काजी-मुल्ला को भी खुदा ने |
तंग आ के मैंने आखिर मंदिर-मस्जिद छोड़ा|
काजी का उपदेश छोड़ा,छोड़े तेरे फसाने|
पत्थर की मूरतों में समझा है तू खुदा है|
खाके-वतन का मुझको हर जर्रा देवता है|
गर तू बुरा न माने |
तेरे मंदिर के बुत हो गये पुराने |
अपनों से बैर रखना
तुने बुतों से सीखा |
युद्ध सीखाया काजी-मुल्ला को भी खुदा ने |
तंग आ के मैंने आखिर मंदिर-मस्जिद छोड़ा|
काजी का उपदेश छोड़ा,छोड़े तेरे फसाने|
पत्थर की मूरतों में समझा है तू खुदा है|
खाके-वतन का मुझको हर जर्रा देवता है|
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विवेक ,संयम,चित्शुदी
और पुरुषार्थ
इन मुख्य साधनों द्वारा
अपना और समाज का
कल्याण साधकर
मानवता की परमसिद्दी
प्राप्त करना ही
मानव जीवन का ध्येय है||
और पुरुषार्थ
इन मुख्य साधनों द्वारा
अपना और समाज का
कल्याण साधकर
मानवता की परमसिद्दी
प्राप्त करना ही
मानव जीवन का ध्येय है||
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शायरी...
हम निकले थे सैर करने
दिल में कुछ अरमान थे,
एक तरफ हरियाली थी
एक तरफ शमशान थे|
यूँ ही हम आगे बड़े
उस दबी ह्डी के कुछ बयाँ थे,
ओह!चलते मुसाफिर
जरा संभल कर चल
हम भी कभी इंसान थे
*****************
हमें अपनों ने लूटा
गैरों में कहाँ दम था,
मेरी कश्ती वहाँ डूबी
जहाँ पानी भी कम था|
****************
हम हैं दरिया
हमें अपना हुनर मालूम है,
जिस तरफ निकल जायेंगे
वहीं रास्ता बना लेंगे
****************
हैं अँधेरे बहुत तुम सितारे बनो,
डूबतों के लिए तुम किनारे बनो,
इस जमाने में हैं बेसहारा बहुत,
तुम सहारे न लो,बस सहारा बनो|
*************************
हजारों मंजिलें होंगी,
हजारों कारवाँ होंगे,
निगाहें हमको ढुदेंगी
न जाने हम कहाँ होंगे|
****************
हकीकत छुप नही सकती
बनावट के उसूलों से,
खुशबू आ नही सकती
कभी कागज के फूलों से|
******************
हो सके तो अपनी खुशियाँ
दर्द के मारों में बाँट दो,
वर्ना जिंदगी का यह कारवाँ
यूँ ही गुजर जायेगा|
******************
हो मेरे दम से यूँ ही
मेरे वतन की इज्ज़त,
जिस तरह फूल से होती है
चमन की इज्ज़त|
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दिल में कुछ अरमान थे,
एक तरफ हरियाली थी
एक तरफ शमशान थे|
यूँ ही हम आगे बड़े
उस दबी ह्डी के कुछ बयाँ थे,
ओह!चलते मुसाफिर
जरा संभल कर चल
हम भी कभी इंसान थे
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हमें अपनों ने लूटा
गैरों में कहाँ दम था,
मेरी कश्ती वहाँ डूबी
जहाँ पानी भी कम था|
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हम हैं दरिया
हमें अपना हुनर मालूम है,
जिस तरफ निकल जायेंगे
वहीं रास्ता बना लेंगे
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हैं अँधेरे बहुत तुम सितारे बनो,
डूबतों के लिए तुम किनारे बनो,
इस जमाने में हैं बेसहारा बहुत,
तुम सहारे न लो,बस सहारा बनो|
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हजारों मंजिलें होंगी,
हजारों कारवाँ होंगे,
निगाहें हमको ढुदेंगी
न जाने हम कहाँ होंगे|
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हकीकत छुप नही सकती
बनावट के उसूलों से,
खुशबू आ नही सकती
कभी कागज के फूलों से|
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हो सके तो अपनी खुशियाँ
दर्द के मारों में बाँट दो,
वर्ना जिंदगी का यह कारवाँ
यूँ ही गुजर जायेगा|
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हो मेरे दम से यूँ ही
मेरे वतन की इज्ज़त,
जिस तरह फूल से होती है
चमन की इज्ज़त|
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