आदाब अर्ज है...

मेरी मोहब्बत मेरी खता बन गई
ये दीवानगी मेरी सजा बन गई|
उनकी मासूमियत पर फ़िदा हुए इस तरह
उन्हें पाने की तमन्ना जिंदगी की अदा बन गई|


वो दिल चुराके दिल अपना छुपाये जाते हैं
खिलोने जैसा वो मुझको सजाये जातें हैं|
लबों पे जबसे लिखा उसने मेरे ताजमहल
हैं यमुना इश्क की और हम नहाय जातें हैं|

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