कामना





लक्ष्मी मइया | भाग्य के खोलो शीघ्र द्वार ,
नोटों की कुछ गड्डियां भेजो छप्पर फाड़ |
भेजो छप्पर फाड़,मुर्ख रसगुल्ले खाते,
ज्ञानी-ध्यानी प्राणी देखे चने चबाते |
मैं चरणामृत पिऊ भर भर चुलू ,
पुनर्जनम में देवी ! मुझे बनाना उल्लू

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